बीजेपी नेता ने पंजाब में आतंकवाद पैदा करने वाले प्रस्ताव की वकालत की, भिंडरावाला को सिखों का आदर्श बताय

बीजेपी नेता हरविंदर सिंह काहलों आज भी ‘आन्नदपुर साहेब प्रस्ताव’ की वकालत करते हैं। ‘आन्नदपुर साहेब प्रस्ताव’ वह प्रस्तावना है, जिसने पंजाब को दो दशकों तक आतंकवाद के काले साये में रखा। पंजाब में आतंकवाद के चलते 35 हजार से ज्यादा हिन्दु-सिखों को जान गंवानी पडी। बीजेपी और आरएसएस ‘आन्नदपुर साहेब प्रस्ताव’ के हमेशा विरोध में रहे। लेकिन हरविंदर सिंह काहलों आज भी मानते हैं कि ‘आन्नदपुर साहेब प्रस्ताव’ सूबों के विकास की चॉबी है। इतना ही नहीं काहलों की निगाह में जरनैल सिंह भिंडरावाला आज भी सिख कौम के लिए आदर्श है। पंजाबी वैब चैनल ‘परो पंजाब’ से खास बातचीत में हरविंदर सिंह काहलों ने ‘आन्नदपुर साहेब प्रस्ताव’ और भिंडरावाला का गुणगान किया है।

हरविंदर सिंह काहलों पंजाब बीजेपी के प्रवक्ता हैं। उनके सम्मान में पिछले दिनों बीजेपी ने समारोह आयोजित किया। हरविंदर सिंह काहलों समारोह में तालिबान अंदाज में दिखे। उन्होंने  लठ्ठ से पीट-पीट कर आंदोलनकारी किसानों को जेल में डाल देने की वकालत की। हरविंदर सिंह काहलों ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडरेशन के सूबाई अध्यक्ष भी रहे हैं। उनकी निकटता गरम दलीय अमरीक सिंह से भी रही है। भिंडरावाला के लिए तो वह कई काम भी कर चुके हैं। जिसा खुलासा उन्होंने खुद इस मुलाकात में किया है। ऑप्रेशन ब्लू-स्टार के 48 घंटे पहले काहलों दरबार साहिब में थे। तत्कालीन केंद्र सरकार ने तब टीम को जरनैल सिंह भिंडरावाला से बातचीत के लिए भेजा था।

इस टीम की मेजबानी के दौरान हरविंदर सिंह काहलों मौजूद थे। बातचीत के बाद टीम को सी-ऑफ करने की जिम्मेदारी काहलों को ही सौंपी गई थी। हरविंदर सिंह काहलों दो महीने पहले ही बीजेपी में शामिल हुए हैं। नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री गाजेंद्र सिंह शेखावत, पंजाब बीजेपी के इंचार्ज दुष्यंत गौतम की मौजूदगी में काहलों का स्टेट प्रेसिडेंट अश्विनी कुमार ने स्वागत किया था। बीजेपी में आने के बाद उन्हें प्रदेश प्रवक्ता के महत्वपूर्ण औहदे से नवाजा गया। अब उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से बनाए गए नए कृषि कानूनों में कुछ भी बुरा नहीं दिखता। उनकी निगाह में नए कृषि कानून किसानों के लिए बेहद फायदेमंद हैं।

अलग बात है कि इसी साल की शुरुआत में काहलों ने किसान आंदोलन को जायज करार दिया था। हरविंदर सिंह काहलों के मुताबिक बीजेपी उनके अतीत से अच्छी तरह परिचित है। उनका कहना है कि बीजेपी में किसी व्यक्ति की एंट्री बेहद जांच-पडताल के बाद होती है। हरविंदर सिंह काहलों ने आपने इंटरव्यू में यह भी खुलासा किया कि पीएम नरेंद्र मोदी के किसी बेहद निकटतम व्यक्ति ने हाल ही में उनसे मुलाकात भी की है। यह मुलाकात हरिद्वार में गुरुद्वारा ज्ञान गोदडी साहिब के निर्माण के सिलसिले में हुई।

काहलों के मुताबिक प्राइम मिनिस्टर के बेहद करीबी व्यक्ति ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार गुरुद्वारा ज्ञान गोदडी साहिब के नवनिर्माण में आनी वाली सभी बाधाएं तोडने और वित्तिय मदद को भी तैयार है। हरविंदर सिंह काहलों बेहद बेबाक प्रतीत होते हैं। उनका तालिबानी नजरिया तो पहले ही सम्मन समारोह में नजर आ ही गया है, जहां उन्होंने लाठी के बल पर किसान आंदोलन को खत्म करने की हुंकार भरी। लेकिन सवाल यह है कि बीजेपी देश बदलने का दम भर रही है। बदलते देश में क्या सचमुच ‘आन्नदपुर साहेब प्रस्ताव’ प्रासंगिक है?

अगर प्रासंगिक है तो आरएसएस और बीजेपी ने पहले इस प्रस्ताव की मुखाल्फत क्यों की? जरनैल सिंह भिंडरावाला बीजेपी की निगाह में क्या है? इन सवालों का जवाब देने के लिए बीजेपी का कोई भी नेता तैयार नहीं। भरसक कोशिश के बावजूद बीजेपी के कई नेताओं ने इस कॉलमनवीस से कहा कि वह इस तरह के सवालों के जवाब के लिए उपयुक्त नहीं है। इस तरह से बीजेपी नेताओं ने हरविंदर सिंह की बेबाकी से पल्ला झाड लिया।

-मनोज नैय्यर

journalistmanojnayyar@gmail.com   

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