असदुद्दीन ओवैसी कमाल के नेता हैं आप। जवाब नहीं आपका। जितनी भी आप की तारीफ की जाए कम है। भारतवर्ष के 135 करोड से ज्यादा व्यक्तियों को आपके कसीदे गढने चाहिए। घर-घर आपका गुणगान होना चाहिए। क्योंकि जो आप हैं। दूसरा कोई नहीं। किसी युवा ने अगर सियासत के गुर सीखने हैं, तो आप की सोहब्त सबसे अव्वल। सियासत के सपने पालने वाले युवाओं को आपकी शागिर्दी करनी चाहिए। चाहता तो मैं भी यहीं हूं। लेकिन मजबूर हूं। जानलेवा महंगाई ने कमर तोड रखी है। उमर भी आप जितनी ही है। अब इस उमर में भला कोई क्या सीखेगा ? फिर दलित हूं। अछूत हूं। बच्चों की परिवारिश और पढाई के बोझ ने बांध रखा है। वरना सचमुच आपकी शागिर्दी करता। पंजाबी हूं। हिन्दी की ज्यादा समझ भी नहीं है। माशाल्लाह आप तो बेरिस्टियर ठहरे। क्रिकेट के तेज गेंदबाज भी रहे। विरासत में सियासत मिली। इंगलिशस्तान में पढने का अनुभव। अल्लाह पूरी तरह मेहरबान है आप पर। हो भी क्यों न सच्चे मुसलमान जो ठहरे आप। फिर मुसलमानों का सौदा क्यों? मेरे साथ तो कुदरत ने भी मजाक किया। दलित परिवार में जन्म दिया। मुफलिसी ने कोई शौक पूरा नहीं होने दिया। गेंद को इन स्विंग, आउट स्विंग करना मैंने भी सीख लिया था। क्लास की टीम से आगे नहीं बढ पाया। जैसे-तैसे मां-बाप ने थोडी बहुत पढाई करा दी। फिर कुछ कलम चलाना सीख गया। उसी कलम के माध्यम से आप से मुखातिब हूं। आपकी तारीफ करता जाउं। -मन की बात- है। -मन की बात- को तो आज हर भारतवंशी समझता है। 80 ऐपीसोड हो ही चुके हैं। समझना भी होगा।
क्या कमाल का चैलेंज दिया है आपने यूपी की बीजेपी सरकार को। और खुशकिस्मती देखिए। आपका चैलेंज स्वीकार भी हो गया। यूपी के 19 करोड मुसलमान आपके शौदाई है। हुकूमअदुल्ली नहीं कर सकते ? बहन मायावती, अखिलेश यादव की सरकारों ने सिर्फ वोट लिया मुसलमानों को और रखा कौने में दबा कर। आपसे बेहतर कौन जानता है। लेकिन यूपी में मरहूम कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्त और राजनाथ सिंह की सरकारें भी रही। अब योगी आदित्यनाथ की भी सरकार है। ट्रिपल तलाक के दंश से तो मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार ने राहत दिलाई। उससे पहले की बीजेपी सरकारों ने मुसलमानों के लिए क्या किया? सवाल नहीं कर रहा हूं। बस, समझना चाहता हूं। आप जैसे होनहार विद्वान से समझना भी किस्मत है। मैं यूपी के 19 करोड मुसलमानों को यह समझा नहीं सकता। अयोध्या को फैजाबाद कहने से कोई फर्क नहीं पड सकता। मेरे पंजाब भी तो पंज-आब था। आज क्या है। सिर्फ सतलुज-ब्यास रह गया। लेकिन नाम वहीं पंजाब। कहां चमन से लेकर यूपी तक था पंजाब का बॉर्डर। आज सिर्फ 23 जिले ही रह गए। सुना है 24वां जिला भी बन सकता है। असेंबली चुनाव आ रहा है। कुछ भी हो सकता है। जैसे यूपी में आप हैं। कुछ भी हो सकता है। यह तो नहीं कहूंगा कि ठोको ताली। क्योंकि वह नवजोत सिद्धू का तकिया कलाम है। मैं तो बस गुजारिश कर सकता हूं आपसे। बाबरी मस्जिद मुद्दा है या नहीं? नहीं पता। इतना पता है कि आप यूपी में है तो मुद्दा है। लेकिन मुद्दा दफन हो चुका है। जिस तरह से बाबरी मस्जिद। लेकिन मॉब लिंचिग क्यों नहीं मुद्दा है? इंडिया में मॉब लिंचिग यूपी से ही शुरु हुई है 2014 के बाद। पूछ लीजिए। भारतवर्ष का संविधानिक नाम इंडिया है। आप भी जानते हैं। फिर आप के भाषणों में इसे हिन्दुस्तान क्यों बताया जाता है ?
ओवैसी साहेब –खेला- यूपी में भी होगा। बंगाल का अनुभव है आपको। बिहार में भी आप काम कर चुके हैं। राजेश खन्ना स्टार्रर फिल्म –रोटी- आपने भी देखी होगी। डॉयलाग था फिल्म का -पब्लिक सब जानती है-। आपने यूपी के तीन दिवसीय दौरे की शुरुआत में क्या बाकमाल संकेत दिए हैं। इशारों में आपने बता दिया है कि स्पांसर है तो कुछ भी हो सकता है। स्पांसर आपके तो माशाल्लाह है। जिन्होंने सोमवार को ही मुसलमानों को पाठ पढाया कि कट्टर होना ठीक नहीं। खुद भले ही वह जी-भर कर कट्टर हो जाएं। यहीं तो सियासत है। अच्छे से जानता हूं कि इसी सियासत के चलते हिन्दुस्तान और हिन्दु राष्ट्र की लत लगाई जा रही है। लत और रट इसलिए क्योंकि मुल्क में आज साहेब कांशी राम नहीं हैं। उनका इजाद किया गया कुनबा आज बहुजन नहीं बल्कि सर्वजन हिताय और सुखाय की बात कर रहा है। लेकिन मेरी इल्त्तजा है आप से और सर्वजन हिताय और सुखाय वालों से। बहुजन को बांट तो दिया। लेकिन बाबा साहेब और मान्यवर के विचार नहीं बांट पाए। इतिहास बदल तो सकते हैं, सोच नहीं। मॉब लिंचिंग सिर्फ मुसलमानों की ही नहीं हम दलितो की भी हुई है। युवा रिपोर्टर अनमोल से जिस तरह से हिन्दुओं ने –जय श्री राम – के नारे लगवा लिए। वह जख्म है। करीब साहेब ने कहा था एक राम दशरथ का बेटा, एक राम गट-गट में लेटा। असदुद्दीन ओवैसी साहेब मनुवाद को युगों-युगांधर से डर था। दलितों के कान में ज्ञान पड गया तो क्या होगा ? वहीं ज्ञान आपका पर्दा भी फाश कर देगा। बस इंतज़ार कीजिए।
-मनोज नैय्यर
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